एक किंकी पत्नी संयमित और चुप रहती है, अपने मालिक की सेवा करने के लिए तैयार होती है। वह उसकी लालसा को संतुष्ट करता है, उसे हर छेद में तबाह करता है, जिससे वह सूख जाती है और और अधिक तरसती है। यह आनंद और दर्द की दुनिया है, जहां इच्छाएं बिना नियमों के पूरी होती हैं।