एक सौतेली माँ आत्म-आनंद में लिप्त होती है, उसका शरीर चमकता है। वह अपने किशोर सौतेले बेटे को अपनी भीगी, स्वादिष्ट बिल्ली दिखाती है। जब वह अपनी पर्याप्त, प्राकृतिक संपत्ति दिखाती है, तो उसकी आँखें आश्चर्य से फैल जाती हैं, जिससे उसके भीतर एक तीव्र इच्छा प्रज्वलित होती है।